भारत को एक बार फिर यूनाइटेड नेशन्स की पीसबिल्डिंग कमीशन के 2025-26 टर्म के लिए चुना गया है. भारत का यूनाइटेड नेशन्स पीसबिल्डिंग कमीशन के लिए दुबारा चुनाव विश्व शान्ति के लिए उसके प्रयासों को दर्शाता है.
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यूनाइटेड नेशन्स पीसबिल्डिंग कमीशन
यूनाटेड नेशन्स पीसबिल्डिंग कमीशन एक अंतसरकारी सलाहकार समिति है. इसका मुख्य काम संघर्ष से प्रभावित इलाकों में शान्ति के प्रयासों का समर्थन और प्रचार करना है. इसकी स्थापना 20 दिसम्बर 2005 में यूनाइटेड नेशन्स जनरल असेम्बली और यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी कॉउन्सिल के रिजोलूशन से की गयी थी. इसे दुनिया में शान्ति के प्रयासों को मजबूत करने के लिए स्थापित किया गया था. पीसबिल्डिंग कमीशन जनरल असेम्बली और सिक्योरिटी कॉउन्सिल के बीच एक मजबूत कड़ी के रूप में काम करता है. इसमें कुल 31 सदस्य हैं.
पीसबिल्डिंग कमीशन के लक्ष्य
पीसबिल्डिंग कमीशन का प्राथमिक लक्ष्य शान्ति के ऐसे प्रयासों का प्रचार करना है जो शान्ति की जरूरतों और प्राथमिकताओं के बारे में बताता है. कमीशन शान्ति प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर चलाए जाने के लिए आदर्श स्थितियों को सुनिश्चित करने के लिए काम करता है. इसके अलावा, किसी राष्ट्र औऱ क्षेत्र में शान्ति के प्रयासों के लिए चर्चाएं कराना भी पीस कमीशन जिम्मेदारियों में आता है.
पीसबिल्डिंग कमीशन में भारत की भूमिका
भारत पीसबिल्डिंग कमीशन की स्थापना करने वाले देशों में से एक है जिसने यूनाइटेड नेशन्स के शान्ति प्रयासों में लगातार सक्रिय रूप से हिस्सा लिया है. भारत मुख्य रूप से दुनिया में स्थिरता और शान्ति का प्रचार करता है. कमीशन की रणनितियों को एक निश्चित आकार देने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
पीसबिल्डिंग कमीशन की गतिविधियां
पीसबिल्डिंग कमीशन शान्ति के प्रयासों पर चर्चाएं आयोजित करता है जिसमें राष्ट्रों को अनुभव और बेहतर प्रयासों को साझा करने का मौका मिलता है. कमीशन क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के अलावा पीसकीपिंग ऑपरेशन और यूनाइटेड नेशन्स टीम के प्रतिभागियों को भी अपनी सभाओं में बुलाता है.
पीसबिल्डिंग कमीशन शान्ति को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. ये शान्ति के लिए अलग-अलग चीजों पर काम करता है. प्रभावशाली और समावेशी शान्ति के प्रयासों को सुनिश्चित करने में कमीशन मदद करता है. सलाहकार के रूप में इसकी क्षमता शान्ति के प्रयासों को और अधिक प्रभावशाली में मदद करता है.
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