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माउंट फूजी की लेटेस्ट स्नोलेस डेट

 

Mount Fuji

माउंट फूजी में होने इस सीज़न में हर साल होने वाली स्नोफॉल में देरी हो गयी है. जापान के इस प्रतिष्ठित सभ्यता के प्रतीक ने अभी तक सीजन की स्नोफॉल को नहीं हासिल किया है. स्नोफॉल में इतनी देरी 1894 के बाद पहली बार हो रही है. इसके पहले ऐसा 26 अक्टूबर 1955 और 2016 में हुआ था. गर्म मौसम की वजह  से इस साल स्नोकैप बनने में देरी हुयी है. 

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माउंटी फूजी में स्नोफॉल का पैटर्न क्या है?

माउंट फूजी में हर साल 2 अक्टूबर तक स्नोफॉल हो जाती है. पिछले साल 5 अक्टूबर को स्नोफॉल शुरू हो गयी थी. स्नोफॉल में इस साल हुयी देरी वेदर पैटर्न में हुए महत्वपूर्ण बदलाव को दिखाता है. स्नोकैप पर्वतों की पारिस्थितिकीतन्त्र के बहुत महत्वपूर्ण है. पर्यटकों और पर्वतारोहियों के लिए स्नोकैप मुख्य फीचर है. 

मौसम का क्या असर हुआ?

युताका कत्सुता के अनुसार, स्नोफॉल में देरी उच्च-तापमान के कारण हुयी. पिछले साल 2023 की तरह इस साल 2024 गर्मी में भी लगातार उच्च-तापमान रहा. ये गर्मी इस साल सितम्बर महीने तक ज़ारी रही जिसने स्नोफॉल के लिए जरूरी ठण्डी हवा को रोक दिया.     

जलवायु परिवर्तन का क्या असर हुआ?

विशेषज्ञों के अनुसार, मौसम में हुए इस असामान्य बदलाव के लिए जलवायु-परिवर्तन जिम्मेदार हो सकता है. दुनिया के बढ़ते हुए तापमान ने जापान की गर्मी में योगदान दिया है. इस तरह की बदलाव स्नोफॉल सहित पारम्परिक मौसम को नष्ट कर सकता है.    

पर्यटकों के लिए माउंट फूजी कितना महत्वपूर्ण है?

माउंट फूजी पर्यटन के लिए प्रसिध्द जगह है. हर साल जुलाई से सितम्बर बीच 220,000 से ज्यादा पर्वतारोही यहां आते हैं. चोटी (3,776 मीटर ऊंचाई) से सूर्योदय देखने के लिए कई पर्वतारोही रात-भर ऊपर चढ़ाई करते हैं. लेकिन नए नियमों की वजह से इस साल पर्यटकों का संख्या कम रही.    

पर्वतारोहण के क्या नियम हैं?  

जरूरत से ज्यादा पर्यटकों के आवागमन को रोकने के लिए जापान की सरकार प्रवेश शुल्क और पर्वतारोहण पर प्रतिदिन के हिसाब शुल्क लगा दिया है. इन नियमों का मुख्य उद्देश्य पर्वतों पर मौसम को सुरक्षित रखना और पर्यटकों के अनुभव में सुधार करना है. इन बदलावों के कारण पर्यटकों की कुल संख्या में कमी आयी है. 

माउंट फूजी का सांस्कतिक महत्व क्या है?

माउंट फूजी का जापान की सभ्यता में बहुत महत्व है. इसको Hokusai के “Great Wave.” और जापान की अन्य प्रसिध्द कलाकृतियों में इसको चित्रित किया गया है. प्राक़ृतिक सौदर्य के अलावा माउंट फूजी जापान की कला और ऐतिहासिक विरासत का भी प्रतीक है.   

यहां वोल्कैनिक क्रिया कब हुयी थी? 

माउंट फूजी में अन्तिम बार वोल्कैनिक क्रिया लगभग 300 साल पहले हुई थी. तब से ये वोल्कैनो निष्क्रिय है. वोल्कैनिक क्रिया न होने की वजह से ये पर्यटन के लिए एक सुरक्षित जगह बन गया है. हालांकि वोल्कैनिक क्रिया की संकेत के लिए इसे लगातार मॉनीटर किया जा रहा है. 

पर्वतों पर क्या असर हो सकता है? 

स्नोफॉल में देरी ने पर्वतों पर होने वाले पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में चिन्ताएं बढ़ा दी है. पारिस्थितिकी को ठीक रखने में स्नो की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है. इसके बिना उन जीव-जन्तुओं पर असर पड़ सकता है जो पूरी तरह मौसमी बदलाव पर निर्भर हैं. माउंट फूजी दुनिया के जलवायु को दर्शाता है. इस तरह के बदलावों को ठीक तरह से समझने के लिए लगातार मॉनिटरिंग औऱ रिसर्च बहुत जरूरी है. 

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