क्लाईमेट एंड हेल्थ अफ्रीका कॉन्फ्रेन्स (CHAC 2024) जिम्बाब्वे की राजधानी हरारे में 29 से 31 अक्टूबर 2024 तक हुआ. कॉन्फ्रेन्स का मुख्य लक्ष्य जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य पर हो रही विश्व स्तरीय बातचीत में अफ्रीका को शामिल करना था. इस सम्मेलन में 54 अफ्रीकी देशों के 400 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इन 400 प्रतिनिधियों में सरकारी अधिकारी, स्वास्थ्य विशेषज्ञ और शोधकर्ता शामिल थे.
CHAC 2024 का क्या उद्देश्य है?
CHAC 2024 का मुख्य उद्देश्य अफ्रीका में जलवायु परिवर्तन से स्वास्थ्य पर तत्काल पड़ने वाले असर पर ध्यान देना था. महाव्दीप जलवायु संवेदनशील बीमारियों और सीमित अनुकूलन क्षमता का सामना कर रहा है. स्वास्थ्य में जलवायु के प्रति लचीलेपन को बढ़ाने के लिए नयी जानकारियां और दैनिक जीवन में उन्हें अपनाने के तरीकों को साझा करने के मंच के रूप में ये सम्मेलन काम करता है. इसका मुख्य लक्ष्य असरदार अनुकूलन रणनिति तैयार करने और जलवायु स्वास्थ्य तंत्र को समझने में अनुसंधान साक्ष्य को शामिल करना है.
CHAC 2024 के क्या विषय है?
- जलवायु परिवर्तन से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव
- समतामूलक जलवायु अनुसंधान का विकास
- अनुसंधान को लागू करने लायक निति में बदलना
- जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखकर अफ्रीका का स्वास्थ्य को लेकर बने दृष्टिकोण को फिर से परिभाषित करना.
CHAC 2024 से क्या अपेक्षाएं हैं?
- वैज्ञानिक अध्य़यन का प्रकाशन
- अफ्रीकी स्वास्थ्य और जलवायु घोषणा
- इस घोषणा को लागू करने के लिए कार्य योजनाएं
- नई साझेदारियाँ व वित्तपोषण प्रतिबद्धताएँ
अफ्रीका किन किन चुनौतियों का सामना कर रहा है?
अफ्रीका सूखा, चक्रवात, और बाढ़ सहित जलवायु परिवर्तन से होने वाले कई बुरे असर का सामना करता है. पूरी दुनिया का केवल 3 प्रतिशत कॉर्बन उत्सर्जन करने के बावजूद भी अफ्रीका को जलवायु परिवर्तन की सबसे ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है. यूएन इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेंट चेंज (आईपीसीसी) के अनुसार, अफ्रीका का 800 मिलियन से अधिक खाने वाला सामान असुरक्षित है. अफ्रीकी डेवलपमेंट बैंक ने $289.2 बिलियन से $440.5 बिलियन के बीच जलवायु से होने वाले नुकसान का अनुमान लगाया है.
जलवायु परिवर्तन से अफ्रीका में पब्लिक हेल्थ पर क्या असर पड़ रहा है?
शोध के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं. सूखा मानव स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर डालता है. खासकर हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका और साहेल में सूखे से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले इन बुरे असर को देख सकते हैं. इन इलाकों में अक्सर सूखा पड़ता है जिसकी वजह से कम अनुकूलन क्षमता की वजह से स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ जाती हैं.
CHANCE नेटवर्किंग का क्या काम है?
क्लाइमेट एंड हेल्थ कॉन्फ्रेन्स 2024 के साथ साथ क्लाइमेट एंड हेल्थ अफ्रीका नेटवर्क फार कोलैबोरेशन एंड इंगेजमेंट (सीएचएएनसीई) क्लाइमेंट चेंज से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं पर काम करता है. इसका उद्देश्य स्वास्थ्य और जलवायु पर काम करने वाले शोधकर्ताओं, निति-निर्माताओं, और हितधारकों के बीच नेटवर्किंग को बढ़ावा देना है.
- ज्ञान और नई सूचनाओं साझा करना.
- जलवायु व स्वास्थ्य अनुसंधान में सहयोग करना.
- साक्ष्य के आधार पर बनी नितियों के विकास को बढ़ावा देना.
- वित्तीय सहायता पंहुचाने में मदद करना.
मेजबान और सहयोगी
एन्वायर्नमेंट, क्लाइलेट, एंड वाइल्डलाइफ मिनिस्ट्री और हेल्थ एंड चाइल्डकेयर मिनिस्ट्री के सहयोग से सेंटर फॉर सेक्सुअल हेल्थ एंड एचआईवी, एड्स रिसर्च जिम्बाब्वे ने क्लाइमेट एंड हेल्थ कॉन्फ्रेन्स 2024 आयोजित किया. इस कॉन्फ्रेन्स का मुख्य विषय ,स्वास्थ में लचीलेपन का विकास, था जो जलवायु अनुकूलन और निवारण के लिए एकीकृत रणनिति के विकास पर केन्द्रित था. इस कॉन्फ्रेन्स में दुनियाभर के प्रमुख वैज्ञानिकों ने भाग लिया और जलवायु परिवर्तन से होने वाले असर के बारे जानकारी साझा की.
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