हाल में ब्राजील ने चीन की Belt and Road (BRI) पहल में शामिल न होने का फैसला किया है. इस फैसले को अंतर्राष्ट्रीय निवेश और सहयोग के लिए ब्राजील के बदले दृष्टीकोण में हुए महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखा जा रहा है. भारत के बाद ब्राजील BRI पहल में शामिल होने से इनकार करने वाला दूसरा BRICS देश है. राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा चीन के निवेशकों के साथ वैकल्पिक भागीदारी करना चाहते हैं.
Belt and Road (BRI) क्या है?
Belt and Road (BRI) जिसे चीन में One Belt One Road और New Silk Road के नाम से भी जाना जाता है दुनिया में बुनियादी ढ़ांचे के विकास की रणनिति है. बुनियादी ढ़ाचे के विकास की इस रणनिति पर चीन की सरकार ने 2013 से काम करना शुरू किया. निवेश और बुनियादी ढ़ाचे की मदद से अलग अलग क्षेत्रों के बीच सम्पर्क को और भी आसान और तेज बनाना इस परियोजना मुख्य लक्ष्य है. 60 से अधिक देशों में फैली Belt and Road (BRI) व्यापार और आर्थिक विकास पर केन्द्रित है. सड़क, रेलवे, बंदरगाह, और ऊर्जा के बुनियादी ढ़ाचे इस परियोजना का हिस्सा हैं.
ब्राजील ने BRI में शामिल होने से क्यों इनकार किया?
बुनियादी ढ़ाचों के विकास के लिए चल रही परियोजनाओ पर ब्राजील की सरकार अपना नियंत्रण बनाए रखना चाहती है. BRI में शामिल होने से ब्राजील सरकार के स्वतन्त्त रूप से फैसले लेने के अधिकार को नुकसान हो सकता है. ब्राजील अपने राष्ट्रीय हितों के अनुरूप हिस्सेदारी करना चाहता है. विदेशी नेत़ृत्व वाली पहलों की तुलना में ब्राजील सरकार अपनी परियोजनाओं को ज्यादा प्राथमिकता देना चाहती है. अपनी ढ़ाचागत जरूरतों और चीन के अपेक्षित निवेश के बीच ब्राजील सरकार एक समान आधार चाहती है ताकि वो औपचारिक रूप से शामिल हुए बिना भी चीन की BRI पहल का फायदा ले सके.
ब्राजील-चीन सम्बन्ध पर इसका क्या असर पड़ेगा?
ब्राजील-चीन सम्बन्ध पर इस फैसले का गहरा असर पड़ सकता है. दोनों देशों के आपसी सम्बन्ध एक नया आकार ले सकते हैं. ब्राजील सहयोग तो करना चाहता है लेकिन वो चीन के निवेश पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता के लेकर बेहद सतर्क है. ये फैसला चीन के साथ ब्राजील की सन्तुलित साझेदारी की इच्छा की ओर संकेत करता है.
भारत और BRICS के अन्य देशों ने BRI पर क्या किया?
ब्राजील की तरह भारत ने भी चीन की BRI पहल में औपचारिक रूप से शामिल होने से मना दिया जो संप्रभुता और निर्भरता को लेकर उसकी चिंताओ को दिखाता है. अलग अलग प्रतिबध्दता के साथ रूस, दक्षिण अफ्रीका और ब्रिक्स के अन्य देश चीन की इस पहल में शामिल हुए हैं. ब्राजील का फैसला इन देशों पर असर डाल सकता है.
भविष्य में क्या संभावनाएं हैं?
ब्राजील का फैसला वैश्विक निवेश के तरीके पर असर डाल सकता है. अपनी परियोजनाओं प्राथमिकता देकर ब्राजील निवेशकों को आकर्षित करने में सफल हो सकता है. वो ज्यादा स्वतन्त्र तरीके से अपनी आर्थिक रणनीति बनाकर किसी एक देश पर निर्भरता को कम कर सकता है. BRI में शामिल न होने का ब्राजील का फैसला उसकी विदेशनिती के लिए निर्णायक समय के रूप में देखा जा सकता है.
संप्रभुता को अक्षुण्ण बनाए रखते हुए ब्राजील के साथ सहयोग करना चाहता है. ब्राजील की इस रणनिति का उसकी आर्थिकता और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर लम्बा असर पड़ सकता है.
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